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प्रश्न 1– 'वर दे' कविता के रचयिता हैं―
(A) सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
(B) जयशंकर प्रसाद
(C) गिरधर
(D) महादेवी वर्मा
उत्तर― (A) सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
प्रश्न 2– 'नव नभ के नव विहग वृन्द को।' पंक्ति में अलंकार है-
(A) यमक
(B) उपमा
(C) अनुप्रास
(D) श्लेष
उत्तर― (C) अनुप्रास
प्रश्न 3– 'विहग वृन्द' का आशय है―
(A) पशुओं का समूह
(B) मनुष्यों का समूह
(C) पक्षियों का समूह
(D) राक्षसों का समूह
उत्तर― (C) पक्षियों का समूह
प्रश्न 4– 'विहग' शब्द का पर्यायवाची कौन-सा है ?
(A) खग
(B) मग
(C) सुधा
(D) तृण
उत्तर― (A) खग
प्रश्न 5– 'स्वतन्त्र' शब्द का विलोम शब्द कौन-सा है?
(A) पुरातन
(B) परतन्त्र
(C) कोमल
(D) निर्झर।
उत्तर― (B) परतन्त्र
एटग्रेड अभ्यासिका से 4 प्रश्न
प्रश्न 6– 'वीणावादिनी' किसे कहते हैं?
(A) लक्ष्मी जी को
(B) दुर्गा जी को
(C) पार्वती जी को
(D) सरस्वती जी को
उत्तर― (D) सरस्वती जी को
प्रश्न 7– 'अमृत' शब्द का पर्यायवाची कौन-सा है?
(A) गरल
(B) अमर
(C) अमिय
(D) गहन
उत्तर― (C) अमिय
प्रश्न 8– 'वर दे, वीणावादिनी वर दे।' पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?
(A) उपमा
(B) अनुप्रास
(C) यमक
(D) श्लेष ।
उत्तर― (B) अनुप्रास
प्रश्न 9– कवि किसे 'जगमग' करने को कह रहा है ?
(A) स्वयं को
(B) संसार को
(C) घर को
(D) विद्यालय को
उत्तर― (B) संसार को
[II] रिक्त स्थानों की पूर्ति प्रश्न
1. बहा ----- ज्योतिर्मय निर्झर।
2. कलुष भेद, तम हर ---- भर।
3. जगमग ----- कर दे।
4. नव ----- स्वर दे।
5. काट अन्ध ----- उर स्तर।
6. वर दे, -------- वर दे।
उत्तर― 1. जननि
2. प्रकाश
3. जग
4. पर, नव
5. के बन्धन
6. वीणावादिनी।
[III] अति लघु उत्तरीय प्रश्न
पाठ्यपुस्तक से 1 प्रश्न
प्रश्न 1– 'वर दे' कविता में कवि किससे वरदान माँग रहा है?
उत्तर― 'वर दे' कविता में कवि माँ सरस्वती से वरदान माँग रहा है।
एटग्रेड अभ्यासिका से 4 प्रश्न
प्रश्न 2– कवि स्वतंत्रता का मंत्र कहाँ भरने की बात कह रहा है?
उत्तर― कवि स्वतंत्रता का मंत्र भारत में भरने की बात कह रहा है।
प्रश्न 3. 'विद्या की देवी' किसे कहा जाता है?
उत्तर― 'विद्या की देवी' माता सरस्वती को कहा जाता है।
प्रश्न 4– नव-नभ से कवि का क्या आशय है?
उत्तर― नव-नभ से कवि का आशय नये भारतवर्ष का निर्माण करने से है।
प्रश्न 5– वर दे! कविता में वीणावादिनी किसे कहा गया है ?
उत्तर― वीणावादिनी माता सरस्वती को कहा गया है।
[IV] लघु उत्तरीय प्रश्न
पाठ्यपुस्तक से 1 प्रश्न
प्रश्न 1– 'नव गति, नवलय, ताल-छंद नव' पंक्ति का क्या भाव है ?
उत्तर― भाव- इस पंक्ति का भाव यह है कि हे सरस्वती माँ! तुम हमें नई गति, नवीन तान, नवीन ताल एवं छद प्रदान कर दे।
एटग्रेड अभ्यासिका से 4 प्रश्न
प्रश्न 2– 'नवजात शिशु के चरण कमल के समान सुन्दर हैं।' वाक्य में उपमेय, उपमान, साधारण धर्म एवं वाचक शब्द छाँटकर लिखिए।
उत्तर―
उपमेय ― नवजात शिशु के चरण
उपमान ― कमल
साधारण धर्म ― सुन्दर
वाचक शब्द ― समान
प्रश्न 3– उपमा अलंकार किसे कहते हैं? लिखिए।
उत्तर― उपमा शब्द का अर्थ होता है- तुलना करना। जब किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना किसी दूसरे व्यक्ति या वस्तु से की जाए, वहाँ पर उपमा अलंकार होता है। जैसे– हरिपद कोमल कमल से।
प्रश्न 4– निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए―
काट अन्ध उर के बन्धन स्तर,
बहा जननि, ज्योतिर्मय निर्झर,
कलुष भेद, तम हर, प्रकाश भर,
जगमग जग कर दे।
भावार्थ ― उक्त पंक्ति के माध्यम से कवि यह कहना चाहता है कि हे माँ। मनुष्य के हृदय में जो अज्ञान के भिन्न-भिन्न स्तरों के बन्धन हैं उन्हें काट दे और उन्हें अज्ञान से मुक्त कर दे। उनके हृदय में ज्ञान का ज्योति रूपी झरना बहा दे। मन के बुरे भावों को दूर कर दे और सम्पूर्ण संसार को जगमगा दे।
प्रश्न 5– 'आकाश' के तीन पर्यायवाची लिखकर उन्हें वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर― 1. आसमान― आसमान में चिड़ियाँ चहचहा रहीं हैं।
2. गगन― हवाई जहाज गगन में उड़ रहा है।
3. नभ― नभ में काले काले बादल उमड़-घुमड़ रहे हैं।
[V] दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
एटग्रेड अभ्यासिका से 2 प्रश्न
प्रश्न 1– 'वर दे' कविता में कवि प्रकृति की किन-किन वस्तुओं में नया रूप देखना चाह रहा है? विस्तारपूर्वक लिखिए।
अथवा
कवि प्रकृति की हर वस्तु में नया रूप क्यों देखना चाह रहा है?
उत्तर― कवि 'निराला' जी ने अपनी कविता में प्रकृति की ही वस्तु का चित्रण नये रूप में किया है। वे चाहते हैं कि प्रकृति में कोई भी वस्तु अपने पुराने अथवा अतीत के स्वरूप में न बनी रहे। वे चाहते हैं कि वहाँ मधुरता हो, भावुकता हो, सजीवता हो क्योंकि प्रकृति अपने गतिप्रधान स्वरूप में मनुष्य मन को शुद्धता, पवित्रता और कोमलता प्रदान करती है।
प्रकृति अपने प्रत्येक बदले हुए स्वरूप में प्रेम और सौन्दर्य का उपदेश देती है। प्रकृति के स्वतन्त्र विकास से उसकी निर्भीकता तथा सभी के कल्याण की भावना मनुष्य में विकास पाती है। प्रकृति के मुक्त चित्रण में कवि ने रूढ़ियों की अन्धेरी काया को तोड़ कर मानव मुक्ति का सन्देश दिया है। नये बादल की मधुर गम्भीर गर्जना लोगों के मन के विकारों को दूर करके अपनी सुखद वर्षा से पृथ्वी को शस्य श्यामला बना देती है। कवि ने अपनी कविता में सर्वत्र ही अज्ञान के अन्धकार को मिटाने तथा ज्ञान के प्रकाश से सम्पूर्ण जगत् को लाभ देने के लिए 'शारदा' से नम्र निवेदन किया है कि सम्पूर्ण समाज सत्य, शिव और सुन्दर बन जाये।
प्रश्न 2– आप माँ सरस्वती से अपने राष्ट्र के लिए वरदान में क्या-क्या माँगना चाहेंगे?
उत्तर― हम माँ सरस्वती से अपने राष्ट्र के लिए वरदान में अधोलिखित चीजों को माँगना चाहेंगे―
(1) प्रत्येक व्यक्ति को ज्ञान का प्रकाश मिले तथा अज्ञान नष्ट हो जाय।
(2) सभी गीत और ताल आदि में नवीनता प्राप्त करें।
(3) सभी मनुष्यों का कण्ठ मधुरता से भरा हो।
(4) सम्पूर्ण भारत में स्वतंत्रता की नवीन भावना भर जाय।
आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।
Thank you.
infosrf
R. F. Temre (Teacher)