All
Text

हिन्दी- पाठ 1 'पुष्प की अभिलाषा' ब्लूप्रिंट आधारित प्रश्न हिन्दी- पाठ 1 'वर दे' ब्लूप्रिंट आधारित प्रश्न 8th गणित वैकल्पिक प्रश्न व्याकरण और इसके अंग वर्ण विचार - ध्वनियाँ और उच्चारण ह्रस्व एवं दीर्घ स्वर व्यंजन वर्ण - उच्चारण विराम चिह्न (20 प्रकार) अनुनासिक निरनुनासिक स्वर संयुक्त व्यञ्जन Olympiad class 2nd 5th हिन्दी वैकल्पिक प्रश्न 5th English वैकल्पिक प्रश्न 5th गणित वैकल्पिक प्रश्न 5th पर्यावरण वैकल्पिक प्रश्न 5th सभी विषय वैकल्पिक प्रश्न 5th हिन्दी स्वतन्त्र अभिव्यक्ति वाले प्रश्न व्याकरण 40 प्रश्न हिन्दी 5th भाषा भारती 6th पाठ 1 विजयी विश्व तिरंगा प्यारा 5th English Grammatical Questions 5th गणित के लघुत्तरीय प्रश्न 5th गणित दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 7th विज्ञान मॉडल आंसर 4th पर्यावरण मॉडल उत्तर परीक्षापयोगी 5th गणित के सवाल भाषा का स्वरूप (भाषा ज्ञान) छंद एवं इसके प्रकार स्वर और इसके प्रकार संधि और इसके प्रकार क्रिया और इसके भेद पंवारी बोली का इतिहास पंवारों का इतिहास समास प्रतियोगी प्रश्न 'पुष्प की अभिलाषा' से 'गणित का जादू' 5th- प्रतियोगिता परीक्षा हेतु प्रश्न माह दिसंबर 2023 की अकादमिक गतिविधियाँ गणित- पाठ 1 'मछली उछली' ब्लूप्रिंट आधारित प्रश्न English- Lesson 1 'Prayer' ब्लूप्रिंट आधारित प्रश्न पर्यावरण- अध्याय 1 'कैसे पहचाना चींटी ने दोस्त को' English- Lesson 1 'Another Chance' ब्लूप्रिंट आधारित प्रश्नोत्तर संस्कृत- पाठ 1 'लोकहितम् मम् करणीयम्' ब्लूप्रिंट आधारित प्रश्न गणित- अध्याय 1 'परिमेय संख्याएं' ब्लूप्रिंट आधारित प्रश्न विज्ञान- अध्याय 1 फसल उत्पादन एवं प्रबन्ध Imp प्रश्न पाठ 1 जिसने सूरज चाँद बनाया मेरा परिचय एवं प्रार्थना पाठ 1 'प्रार्थना' के प्रतियोगी प्रश्नोत्तर पुष्प की अभिलाषा परीक्षापयोगी प्रश्न परीक्षापयोगी हिन्दी वैकल्पिक प्रश्न कक्षा 5 वीं










संस्कृत- पाठ 1 'लोकहितम् मम् करणीयम्' ब्लूप्रिंट आधारित प्रश्न


Text ID: 48
1117

प्रथमः पाठः लोकहितम् मम करणीयम् कक्षा 8 संस्कृत | वार्षिक परीक्षा ब्लूप्रिंट आधारित महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर | lokhitam mam karniyam

बहु-विकल्पीय प्रश्न

संस्कृत सुरभि से 10 प्रश्न

प्रश्न 1- कार्यक्षेत्रे―
(अ) चरणीयम्
(ब) त्वरणीयम्
(स) मननीयम्
(द) शयनीयम्
उत्तर― (ब) त्वरणीयम्

प्रश्न 2- मनसा ........ स्मरणीयम्।
(अ) शीघ्र
(ब) सर्वदा
(स) सततं
(द) कदा
उत्तर― (स) सततं

प्रश्न 3- वचसां सततं ...... ।
(अ) स्मरणीयम्
(ब) वदनीयम्
(स) करणीयम्
(द) रमणीयम्
उत्तर― (ब) वदनीयम्

प्रश्न 4- मम किं करणीयम्?
(अ) लोकहितम्
(ब) स्वहितम्
(स) शत्रुहितम्,
(द) सर्वहितम्
उत्तर― (अ) लोकहितम्

प्रश्न 5- न भोगभवने .......... ?
(अ) चलनीयम्
(ब) खादनीयम्
(स) भ्रमणीयम्
(द) रमणीयम्
उत्तर― (द) रमणीयम्

प्रश्न 6- न च ........ शयनीयम्।
(अ) भोगभवने
(ब) सर्वत्र
(स) कुत्रापि
(द) सुखशयने
उत्तर― (द) सुखशयने

प्रश्न 7- कुत्र चरणीयम्?
(अ) गृहे
(ब) विद्यालये
(स) भवने
(द) कष्टपर्वते
उत्तर― (द) कष्टपर्वते

प्रश्न 8- दुःखसागरे ...... ।
(अ) स्मरणीयम्
(ब) वदनीयम्
(स) तरणीयम्
(द) करणीयम्
उत्तर― (स) तरणीयम्

प्रश्न 9- कुत्र त्वरणीयम् ?
(अ) कार्यक्षेत्रे
(ब) मम
(स) त्वम्
(द) अहम्
उत्तर― (अ) कार्यक्षेत्रे

प्रश्न 10- न च निजसौख्यं ....... ।
(अ) सदा
(ब) मननीयम्
(स) सर्वत्र
(द) कार्य
उत्तर― (ब) मननीयम्
एटग्रेड से 2 प्रश्न

प्रश्न 11- संस्कारयुक्ता परिमार्जिताश्च का भाषा अस्ति?
(अ) हिन्दीभाषा
(ब) संस्कृतभाषा
(स) आग्लभाषा
(द) कोऽपि न
उत्तर― (ब) संस्कृतभाषा

प्रश्न 12- मानवेषु का भावना भवेत्―
(अ) परोपकार भावना
(ब) असत्यभावना
(स) मिथ्याभावना
(द) निजसौख्यं भावना
उत्तर― (अ) परोपकार भावना

रिक्त स्थानों की पूर्ति प्रश्न―

(क) मनस्य सततं .......... ।
(ख) लोकहितम् ......... करणीयम्।
(ग) वचसा ........ वदनीयम्।
(घ) न च सुखशयने .......।
(ङ) न च ....... मननीयम् ।
(च) कष्टपर्वते ......।
उत्तर― (क) स्मरणीयम् (ख) मम (ग) सततं (घ) शयनीयम् (ङ) निजसौख्यम् (च) चरणीयम्।

एक शब्द उत्तर वाले प्रश्न
संस्कृत सुरभि से 2 प्रश्न

एकपदेन उत्तरम् लिखत―
प्रश्न 1― चरणं कुत्र करणीयम्?
(कहाँ चढ़ना चाहिए?)
उत्तर― कष्टपर्वते।
(कष्ट रूपी पर्वत पर।)

प्रश्न 2― दुःखसागरे किं करणीयम्?
(दुःखरूपी सागर में क्या करना चाहिए?)
उत्तर― तरणीयम्।
(तैरना चाहिए।)

एटग्रेड से 4 प्रश्न

प्रश्न 3― भ्रमणं कुत्र करणीयम्?
(भ्रमण कहाँ करना चाहिए?)
उत्तर― विपत्ति-विपिने।
(विपत्ति रूपी वन में।)

प्रश्न 4― केन सततं स्मरणीयम्?
(किससे सदा स्मरण करना चाहिए?)
उत्तर― मनसा।
(मन से।)

प्रश्न 5― भोगभवने किं न करणीयम्?
(भोग रूपी भवन में क्या नहीं करना चाहिए?)
उत्तर― न रमणीयम्।
(रमण नहीं करना चाहिए।)

प्रश्न 6― बन्धुजनाः कुत्र स्थिताः?
(बन्धुजन कहाँ स्थित हैं?)
उत्तर― गह्वरे। (गुफा में।)

एक वाक्य उत्तर वाले प्रश्न
संस्कृत सुरभि से 2 प्रश्न

एकवाक्येन उत्तरम् लिखत―
प्रश्न 1― किं न मननीयम्?
(क्या नहीं सोचना चाहिए?)
उत्तर― न निजसौख्यं मननीयम्।
(अपना सुख नहीं सोचना चाहिए।)

प्रश्न 2― विपत्ति-विपिने किं करणीयम्?
(विपत्ति रूपी वन में क्या करना चाहिए?)
उत्तर― विपत्ति-विपिने भ्रमणीयम्।
(विपत्ति रूपी वन में भ्रमण करना चाहिए।)

एटग्रेड से 4 प्रश्न

प्रश्न 3― कदा जागरणीयम्?
(कब जागना चाहिए?)
उत्तर― अहर्निशं जागरणीयम्।
(दिन रात जागना चाहिए।)

प्रश्न 4― कथं न शयनीयम्?
(कहाँ नहीं होना चाहिए?)
उत्तर― सुखशयने न शयनीयम्।
(सुख देने वाले बिस्तर पर नही सोना चाहिए।)

प्रश्न 5― कार्यक्षेत्रे किं करणीयम्?
(कार्यक्षेत्र में क्या करना चाहिए?)
उत्तर― कार्यक्षेत्रे त्वरणीयम्।
(कार्यक्षेत्र में शीघ्रता करनी चाहिए।)

प्रश्न 6― कष्टपर्वते किं करणीयम्?
(कष्टरूपी पर्वत पर क्या करना चाहिए?)
उत्तर― कष्टपर्वते चरणीयम्।
(कष्टरूपी पर्वत पर चढ़ना चाहिए।)

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
संस्कृत सुरभि से 1 प्रश्न

दीर्घ-उत्तरम् लिखत्―
प्रश्न 1― पाठे समागतान् तत्पुरुषसमासस्य उदाहरणानि चित्वा लिखत।
(पाठ में आए हुए तत्पुरुष समास के उदाहरणों को चुनकर लिखिए।)
उत्तर― लोकहितम्
भोगभवने
कार्यक्षेत्रे
दुःखसागरे
कष्टपर्वते।

एटग्रेड से 2 प्रश्न

प्रश्न 2― लोकहिताय मया किं किं करणीयम्?
(संसार का कल्याण करने के लिए मुझे क्या-क्या करना चाहिए?)
उत्तर― मया न भोगभवने रमणीयम्, न च सुखशयने शयनीयम्, अहर्निशं जागरणीयम्, न जातु दुःखं गणनीयम्, न च निजसौख्यं मननीयम्, कार्यक्षेत्रे त्वरणीयम्, दुःखसागरे तरणीयम्, कष्टपर्वते चरणीयम्, विपत्ति-विपिने भ्रमणीयम्, ये च बन्धुजनाः गहनारण्ये घनान्धकारे गह्वरे स्थिताः तत्र सञ्चरणीयम्।
(मुझे न सुख देने वाले घर में रहना चाहिए, और न सुख देने वाले बिस्तर पर सोना चाहिए, दिन-रात जागना चाहिए, कभी भी दुःख का ध्यान नहीं रखना चाहिए, कार्यक्षेत्र में शीघ्रता करनी चाहिए, दुःख रूपी सागर में तैरना चाहिए, कष्ट रूपी पर्वत पर चढ़ना चाहिए, संकट रूपी वन में घूमना चाहिए और जो भाई-बन्धु घने अन्धकार में, गहन वन में गुफाओं में रहते हैं, वहाँ जाना चाहिए।)

प्रश्न 3― "स्मृ + अनीयर् = स्मरणीयम् एतादृशानि 'अनीयर्' प्रत्यययुक्तानि पदानि पाठात् चित्वा लिखत?
("स्मृ + अनीयर् = स्मरणीयम्" ऐसे 'अनीयर्' प्रत्यय युक्त पदों को पाठ से चुनकर लिखो।)
उत्तर―
कृ + अनीयर् = करणीयम्
रम् + अनीयर् = रमणीयम्
शी + अनीयर्श = शयनीयम्
जागृ + अनीयर् = जागरणीयम्
गण् + अनीयर् = गणनीयम्
मन् + अनीयर् = मननीयम्
त्वर् + अनीयर् = त्वरणीयम्
तृ + अनीयर् = तरणीयम्
भ्रम् + अनीयर् = भ्रमणीयम्
सञ्चर् + अनीयर् = सञ्चरणीयम्

आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।
Thank you.
R. F. Tembhre
(Teacher)

infosrf