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पुल्लिङ्ग
एकवचन
○ मोरो नाती ला अ, आ, इ सब पढ़ता आव्अ से।
○ अ...... मोला नहाय वहाँ जानो।
○ मेरे पोते को अ, आ, इ सब पढ़ते आता है।
○ अ.... मुझे वहाँ नहीं जाना है।
○ My grandson knows how to read अ, आ, इ etc.
○ a...... I do not have to go there.
देवनागरी लिपि की वर्णमाला जिसका प्रयोग हिंदी और संस्कृत दोनों में किया जाता है जिसका पहला हृस्व स्वर वर्ण अ है। इसके अलावा किसी बात को बोलने से पहले कई बार मुँह से अनायास ही अ की ध्वनि निकलती है जो थोड़ी देर तक निकलते रहती है जैसे अ...... तेरा कार्य अभी तक पूरा नहीं हुआ।
अ की ध्वनि किसी बात को कहने से पहले निकलती है। जैसे - अ.... मैं तो नहीं जाता। इसके अलावा गायक लोग निम्न स्वर में आलाप भरने हेतु भी काफी देर तक अ की ध्वनि निकालते है जैसे- अ अ अ अ अ अ............
☆ साॅंगन को अ भूल गयो, एक जरा सी बात।
मोठी सेरी मर गयी, काल परो की रात।।
हिन्दी अनुवाद ― इस दोहे में कवि के द्वारा एक पशुपालक की बात का वर्णन किया गया है। पशुपालक कहता है कि अ रे मैं एक छोटी सी बात बताना ही भूल गया। कल या परसों की रात्रि की बात है, बड़ी बकरी मर गई।
अंग्रेजी अनुवाद ― In this couplet, the poet has described the story of a cattle herder. The cattle herder says that o, I forgot to tell you a small thing. It happened yesterday or the night before yesterday, the big goat died.
☆ तीन साल को भय गयो, से नाहन सी जान।
अ आ इ ई सब पढ़अ से, खान पान को ज्ञान।।
हिन्दी अनुवाद ― कवि के द्वारा इस दोहे में एक छोटे से बच्चे की पढ़ाई की क्षमता का वर्णन किया गया है। कवि कहते हैं कि वह (बच्चा) तो अभी केवल 3 वर्ष का है, अभी तो वह छोटा सा बच्चा ही है किंतु अ, आ, इ, ई सब पढ़ लेता है। इसी के साथ उसे खान-पान का भी सारा ज्ञान है।
अंग्रेजी अनुवाद ― In this couplet, the poet has described the reading ability of a small child. The poet says that he (the child) is only 3 years old, he is still a small child but he can read अ, आ, इ, ई. Along with this, he also has all the knowledge about food and drink.
सौजन्य से― श्री लीलाधर हनवत (दोहा रचनाकार) उगली, सिवनी मध्यप्रदेश
हिन्दी व अंग्रेजी अनुवादक – श्री आर. एफ. टेमरे मेहरा पिपरिया, सिवनी मध्यप्रदेश
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