☆ बड़िल का उमजाय गइन, बेटा बेटी चार।
टोंड पोछिस भाइन को, कर के बेगरचार।।
हिन्दी अनुवाद ― कवि कहते हैं, अक्सर देखने में आता है― चार बेटे-बेटियों में जो बड़े होते हैं जैसे ही उनका विवाह होता है तो वे अपने छोटे भाइई बहिनों का ख्याल न रखते हुए भरे-पूरे परिवार (संयुक्त परिवार) से अलग हो जाया करते हैं।
अंग्रेजी अनुवाद ― The poet says, it is often seen that as soon as the eldest of the four sons and daughters gets married, he separates from the full family (joint family) without taking care of his younger brothers and sisters.
☆ माय बाप का लाड़ला, भाई होतिन चार।
बहु बहदी की बात मा, सबको बेगरचार।।
हिन्दी अनुवाद ― कवि कहते हैं, प्रायः देखने में आता है। जिनके चार-पाँच बेटे हैं और वे सभी अपने माता-पिता के बेहद लाड़ले होते हैं; किंतु अक्सर ही अपनी पत्नियों की बातों में आकर सभी संयुक्त परिवार को तोड़़कर अलग परिवार बसा लेते हैं।
अंग्रेजी अनुवाद ― The poet says, it is often seen that people have four or five sons and all of them are very affectionate to their parents; but often they get influenced by their wives and break the joint family and start a separate family.
☆ बेगरचार सबको भयो, सारा मोरा चार।
सबको घर मी जाय खे, खाहूँ पाहुँचार।।
हिन्दी अनुवाद ― कवि ने दोहे में वर्णन किया है कि व्यंग्य से युक्त वाणी में एक माँ कहती है― मेरे सभी चारों बेटे ने संयुक्त परिवार से टूटकर अपना-अपना अलग परिवार बसा लिया है। अब तो मैं सभी के घर जाकर मेहमाननवाजी के पकवान खाऊँगी।
अंग्रेजी अनुवाद ― The poet has described in the couplet that a mother says in a sarcastic voice― All my four sons have broken away from the joint family and have set up their own separate families. Now I will go to house of everyone and eat the hospitality dishes.
सौजन्य से― श्री लीलाधर हनवत (दोहा रचनाकार) उगली, सिवनी मध्यप्रदेश
हिन्दी व अंग्रेजी अनुवादक – श्री आर. एफ. टेमरे मेहरा पिपरिया, सिवनी मध्यप्रदेश