☆ देखिस मोरी ठेवनी, लालच गयो समाय।
रुपया मोला माॅंग खे, बेटा से इतराय।।
हिंदी अनुवाद ― कवि इस दोहे में एक माँ के पैसों की बचत का वर्णन करते हैं। माँ कहती है कि जब मेरे बेटे ने मेरी बचत के पैसे देखे तो उसके मन में लालच आ गया और मुझसे रुपए मांग लिये। अब वह इन्हीं पैसों पर इतरा रहा है।
अंग्रेजी अनुवाद ― In this couplet, the poet describes the saving of money by a mother. The mother says that when my son saw my savings, he became greedy and asked for money from me. Now he is boasting about this money.
☆ टूटी मोरी ठेवनी, रुपया ओमा लाख।
कोरोना को काल मा, भयी ठेवनी खाक।।
हिंदी अनुवाद ― इस दोहे में कवि एक महिला की बचत का वर्णन करते हैं। महिला कहती है कि मेरी बचत टूट गई जिसमें की लाखों रुपए थे। इस कोरोना काल में मेरी बचत ही समाप्त हो गई।
अंग्रेजी अनुवाद ― In this couplet, the poet describes the savings of a woman. The woman says that my savings which contained lakhs of rupees got ruined. My savings got exhausted in this Corona period.
सौजन्य से― श्री लीलाधर हनवत (दोहा रचनाकार) उगली, सिवनी मध्यप्रदेश
हिन्दी व अंग्रेजी अनुवादक – श्री आर. एफ. टेमरे मेहरा पिपरिया, सिवनी मध्यप्रदेश