☆ पाट पाट कर भय गयो, खंदक भी मैदान।
टीला टाली ढह गइन, खेत भयो निरबान।।
हिन्दी अनुवाद — कवि इस दोहे में खेत का वर्णन करते हुए कहते हैं कि उबड़-खाबड़ जो खेत था उसे मिट्टी डालकर खंदकों (गढ्ढों) को मैदान की तरह बना दिया गया है और खेत में जो टीले वगैरह थे वे सब टूट गये, इस तरह खेत का निर्माण हो गया।
अंग्रेजी अनुवाद — Describing the field in this couplet, the poet says that the rough field has been made into a plain by adding soil to the trenches (pits) and the mounds etc. in the field have all been broken and in this way the field was created.
☆ खंदक मन मा पड़ गयी, हिरदा भयो उदास।
काटिस मोरी बात ला, टूट गयो विस्वास।।
हिन्दी अनुवाद — इस दोहे में कवि मन में किस तरह विकार उत्पन्न हो जाता है इस बात को उजागर करते हुए कहते हैं कि मेरे मन एक टीस उत्पन्न हो गई और मेरा हृदय उदास हो गया क्योंकि उस व्यक्ति ने मेरी बात का मान नहीं रखा, इस तरह मेरा तो विश्वास ही टूट गया है।
अंग्रेजी अनुवाद — In this couplet, the poet highlights how a disorder is generated in the mind and says that a pang arose in my mind and my heart became sad because that person did not honor my words; in this way, my trust has been broken.
सौजन्य से― श्री लीलाधर हनवत (दोहा रचनाकार) उगली, सिवनी मध्यप्रदेश
हिन्दी व अंग्रेजी अनुवादक – श्री आर. एफ. टेमरे मेहरा पिपरिया, सिवनी मध्यप्रदेश