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खड़खड़ाहट
khadkhadahat
खड़खड़ाहट
khadkhadahat
rattle, clatter
संज्ञा
स्त्रीलिङ्ग
भून्सारे गाड़ो गिनकी खड़खड़ाहट सुनाई देसे।
भिन्सारे बैलगाड़ियों की खड़खड़ाहट की आवाज सुनाई देती है।
The rattling sound of bullock carts can be heard in the early morning.
बैलगाड़ी, घोड़ागाड़ी या अन्य गाड़ियों के सड़क या गलियों से गुजरने पर पहियों से निकलने वाली ध्वनि को पंवारी बोली एवं हिंदी भाषा में खड़ाखड़ाहट कहते हैं। अंग्रेजी में इस प्रकार की ध्वनि को rattle या clatter कहते हैं।
1. खड़खड़ाहट गाड़ो की, अदमी की पद चाप ।
दावन बेरा भय गयी, चली बइल की खाप ।।
हिन्दी में भावार्थ ― कवि धान गहाई के काल का वर्णन करते हुए कहते हैं कि धान गहाई का वक्त हो चुका है; बैलगाड़ियों की खड़खड़ाहट और व्यक्तियों के पैरों की पदचाप सुनाई देने लगी है और बैलों का समूह खेतों की ओर रवाना हो चुका है।
अंग्रेजी में भावार्थ ― Describing the time of paddy threshing, the poet says that it is time for paddy threshing; the rattling of bullock carts and the footsteps of people can be heard and the herd of bullocks has left for the fields.
2. खड़खड़ाहट कान पड़ी, उघड़ गयी से जप्प ।
घर भर का सब उठ गया, करन लगया गप शप्प ।।
हिन्दी में भावार्थ ― कवि कहते हैं कि भिन्सारे बैलगाड़ियों की खड़खड़ाहट की आवाज जब हमारे कानों पर पड़ी तो हम सभी की नींद खुल गई। हम सभी घर के सारे लोग उठ गए और आपस में बातचीत करने लगे।
अंग्रेजी में भावार्थ ― The poet says that when the sound of the rattling of the bullock carts reached our ears in the early morning, we all woke up from our sleep. All of us in the house got up and started talking among ourselves.
दोहा रचनाकार ― श्री लीलाधर हनवत उगली, जिला - सिवनी
हिंदी एवं अंग्रेजी अनुवादक― आर. एफ. टेम्भरे मेहरा पिपरिया जिला - सिवनी
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