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पंवारी बोली – ऐठन।
हिन्दी भाषा – गर्व, दंभ, हेकड़ी।
अंग्रेजी भाषा – pride, arrogance, swegger, stiffness, rigidity, conceit.
पंवारी बोली – नरम।
हिन्दी भाषा – नम्र, सुशील।
अंग्रेजी भाषा – mild, polite.
बेटा, येतरी अकड़ नोको देखावस।
बेटे ! इतनी अकड़़ मत दिखाओ।
Dear ! Do not show so strut.
जब किसी व्यक्ति के द्वारा घमंड करते हुए व्यवहार प्रदर्शित किया जाता है तो ऐसे व्यवहार या आचरण को पंवारी बोली एवं हिंदी भाषा में अकड़ कहते हैं। अंग्रेजी में इसके लिए strut शब्द का प्रयोग किया जाता है।
☆ जहाँ अकड़ तहॅं आपदा, घट जासे सम्मान।
चार दिवस की जिंदगी, छोड़ सकल अभिमान।।
हिन्दी अनुवाद ― कवि इस दोहे में दंभ न करने की सलाह देते हुए कहते हैं कि जहाँ अकड़ (अभिमान) का वास होता है वहाँ निश्चित ही विपत्तियाँ होती हैं और सम्मान घट जाता है। चार दिनों की इस छोटी सी जिंदगी को सारा अभिमान छोड़कर अच्छे से जीना चाहिए।
अंग्रेजी अनुवाद ― In this couplet, the poet advises against being arrogant and says that where strut (arrogance) resides, there are sure to be troubles and respect decreases. This short life of four days should be lived well by leaving behind all the arrogance.
☆ धंधा अच्छो चल गयो, भय गईन पैसा चार।
अकड़ रहीसे राव जी,भूल गयो व्यौहार।।
हिन्दी अनुवाद ― इस दोहे में कवि के द्वारा एक ऐसे व्यक्ति का वर्णन किया गया है जो अधूरे में धनवान बनकर अभिमान प्रदर्शित कर रहा है। कवि कहते हैं कि वह व्यक्ति जिसका व्यवसाय कुछ अच्छा चल गया और उसने कुछ धन कमा लिया तो अब वह महाशय अकड़ दिखा रहा है और अच्छा व्यवहार करना भूल गया है।
अंग्रेजी अनुवाद ― In this couplet, the poet has described a person who is showing pride by becoming rich in the middle. The poet says that the person whose business went well and he earned some money is now showing strut (pride) and has forgotten to behave well.
सौजन्य से― श्री लीलाधर हनवत (दोहा रचनाकार) उगली, सिवनी मध्यप्रदेश।
हिन्दी व अंग्रेजी अनुवादक – श्री आर. एफ. टेमरे मेहरा पिपरिया, सिवनी मध्यप्रदेश।
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