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संज्ञा
पुल्लिङ्ग
एकवचन
पंवारी बोली – हुशियार।
हिन्दी – होशियार, चतुर, मेधावी।
अंग्रेजी – clever, smart.
पंवारी बोली – मूरख, बेअकल्या।
हिन्दी – मूर्ख, बुद्धिहीन, निर्बुद्धि, बेअक्ल, नासमझ।
अंग्रेजी – foolish, brainless, unintelligent, stupid, senseless.
यो काम कोई अकलमंद आदमीच् कर सक्अ से।
यह कार्य कोई बुद्धिमान व्यक्ति ही कर सकता है।
Only an intelligent person can do this work.
किसी व्यक्ति के द्वारा समझदारी के साथ कोई कार्य किया जाता है और वह कार्य सफल एवं सार्थक हो जाता है तो इस तरह कार्य करने वाले व्यक्ति को पंवारी बोली में अकलमंद, हिन्दी भाषा में अक्लमंद और अंग्रेजी भाषा में intelligent कहते हैं।
☆ काम काज को साजरो, भारी ओला ज्ञान।
अकलमंद से लाड़लो, सबकी से पहचान।।
हिन्दी अनुवाद ― कवि इस दोहे में माता-पिता के एक लाड़ले पुत्र का वर्णन किया गया है। कवि कहते हैं कि वह (पुत्र) कार्य करने में कुशल है और उसे हर तरह का ज्ञान है। वह लाड़ला पुत्र बहुत ही अक्लमंद है। उसी के कारण परिवार के सभी लोगों की पहचान है।
अंग्रेजी अनुवाद ― In this couplet, the poet has described a dear son of the parents. The poet says that he (son) is skilled in doing work and has all kinds of knowledge. That dear son is very intelligent. It is because of him that all the members of the family are recognized.
☆ अकलमंद बेटा भयो, दादा भी हुशियार।
माय बाप भी साजरा, अच्छो से परिवार।।
हिन्दी अनुवाद ― कवि इस दोहे में एक अच्छे परिवार का वर्णन करते हुए कहते हैं कि पुत्र अक्लमंद तो है ही दादा जी भी होशियार है। कवि आगे कहते हैं उस लड़के के माता पिता भी अच्छे हैं, इस तरह से पूरा परिवार ही बहुत अच्छा है।
अंग्रेजी अनुवाद ― In this couplet, the poet describes a good family and says that not only the son is intelligent, but the grandfather is also smart. The poet further says that the boy's parents are also good, in this way the whole family is very good.
सौजन्य से― श्री लीलाधर हनवत (दोहा रचनाकार) उगली, सिवनी मध्यप्रदेश।
हिन्दी व अंग्रेजी अनुवादक – श्री आर. एफ. टेमरे मेहरा पिपरिया, सिवनी मध्यप्रदेश।
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