☆ अक्षर महिमा जान ले, अक्षर ला पहिचान।
☆ अक्षर मा श्री राम से, अक्षर मा से ज्ञान।।
हिन्दी अनुवाद ― उक्त दोहे में कवि अक्षर की महिमा का बखान करते हुए कहते हैं कि हे मनुष्य ! तू अक्षर की महानता को जान ले और अक्षर पढ़कर साक्षर हो जा। अक्षर ज्ञान से तू श्री राम अर्थात ईश्वर को जान पाएगा और अक्षर पढ़ कर अर्थात साक्षर होकर ज्ञान प्राप्त कर सकेगा।
अंग्रेजी अनुवाद ― In the above couplet, the poet describes the glory of letters and says, O man! Know the greatness of letters and become literate by reading letters. With the knowledge of letters, you will be able to know Shri Ram i.e. God and by reading letters i.e. becoming literate, you will be able to gain knowledge.
☆ ढाई अक्षर प्रेम का, राम कृष्ण को सार।
☆ अक्षर सेत अविनाशी, अक्षर ज्ञान अधार।।
हिन्दी अनुवाद ― उक्त दोहे में अक्षर के बारे में विवरण देते हुए कवि कहते हैं कि प्रेम जिसमें की ढाई अक्षर हैं और इसी से ईश्वर अर्थात श्री राम - श्री कृष्ण को प्राप्त करने का सार है। ये अक्षर अजर-अमर हैं और अक्षर ही अर्थात साक्षरता ही ज्ञान प्राप्त करने का मूल आधार है।
अंग्रेजी अनुवाद ― Giving details about letters in the above couplet, the poet says that love has two and a half letters and this is the essence of attaining God i.e. Shri Ram - Shri Krishna. These letters are immortal and letters i.e. literacy is the basic foundation of acquiring knowledge.
सौजन्य से – श्री एल डी. हनवत (दोहा रचनाकार) उगली, सिवनी मध्यप्रदेश।
हिन्दी व अंग्रेजी अनुवादक – श्री आर. एफ. टेमरे मेहरा पिपरिया, सिवनी मध्यप्रदेश।