☆ अज तपन मा अखर गयो, ठेटका तोड़्यो खेत।
☆ घर आय खे सोय गयो, भूल गयो मी चेत।।
हिन्दी अनुवाद ― उक्त दोहे में कवि एक किसान का वर्णन करते हैं। किसान अपने कार्य का वर्णन करते हुए कहता है कि आज धूप में अरहर के ठूठ निकालना मुझे अखर गया क्योंकि धूप बहुत तेज थी। घर पर जब आया तो थकान की वजह से सो गया और मैं काफी देर तक सोता रहा इतना कि उठना भी भूल गया।
अंग्रेजी अनुवाद ― In the above couplet, the poet describes a farmer. Describing his work, the farmer says that today I had a tough time removing the stumps of pigeon peas in the sun because the sun was very hot. When I came home, I fell asleep due to fatigue and I slept for so long that I forgot to get up.
☆ आवत गारी एक से, उलट पुलट पर पांच।
☆ अखरन वारी बात से, सच्ची पर से आच।।
हिन्दी अनुवाद ― उक्त दोहे में कवि गाली-गलौज करने पर अखरने वाली बात का वर्णन करते हुए कहते हैं कि गाली तो केवल एक ही आती है किंतु उसे उलट-पलट किया जाए तो पाँच तरह की हो जाती है। फिर तो अखरना तो लाजिमी है क्योंकि सच्चाई पर आँच आने वाली बात है।
अंग्रेजी अनुवाद ― In the above couplet, the poet describes the pain of being abused and says that there is only one type of abuse but if it is turned upside down, it becomes five types. Then it is natural to feel pain because it is a matter of hurting the truth.
सौजन्य से – श्री एल डी. हनवत (दोहा रचनाकार) उगली, सिवनी मध्यप्रदेश।
हिन्दी व अंग्रेजी अनुवादक – श्री आर. एफ. टेमरे मेहरा पिपरिया, सिवनी मध्यप्रदेश।