1. बात अटपटी बहू की, मी आयक खे दंग ।
लाज शरम ला खोय खे, आज देखाइस रंग ।।
हिन्दी में भावार्थ ― कवि एक बहू के आचरण एवं व्यवहारों का वर्णन करते हुए कहते हैं कि बहू की अटपटी बातों को सुनकर मैं तो दंग रह गया। आज उसने अपनी लाज, शर्म को खोकर अपना अभद्र व्यवहार दिखा दिया है।
अंग्रेजी में भावार्थ ― Describing the behaviour and conduct of a daughter-in-law, the poet says that I was stunned to hear the absurd talk of the daughter-in-law. Now she has lost her modesty and shame and has shown her indecent behaviour.
2. से मोरो लक नाहनो, मोठो वोला ज्ञान ।
बात कहवसे अटपटी, मन मा से अभिमान ।।
हिन्दी में भावार्थ ― उक्त दोहे में कवि उम्र में छोटे किंतु ज्ञान में बड़े एक व्यक्ति की बातें बताते हुये कहते हैं कि वह मेरे से छोटा है किंतु बड़ा ज्ञान रखता है। वह बड़ी अटपटी बातें बताता है किंतु उसके मन में बड़ा अभिमान है।
अंग्रेजी में भावार्थ ― In the above couplet, the poet talks about a person who is younger than me but has great knowledge. He talks about strange things but he is very proud.
3. जहर भरी से टोंड मा, नहीं साजरा बैन ।
शबद अटपटा चिड़चिड़ा , कपटी ओका नैन ।।
हिन्दी में भावार्थ ― कवि उक्त दोहे में एक दुष्ट व्यक्ति का वर्णन करते हुए कहते हैं कि उस दुष्ट व्यक्ति के मुँह से कड़ुवाहट भरी बातें निकलती हैं। उसकी बातें अच्छी नहीं है। उसके शब्द चिड़चिड़े और बड़े अटपटे हैं। उसकी आँखें देखने में कपट भरी लगती हैं।
अंग्रेजी में भावार्थ ― Describing a wicked person in the above couplet, the poet says that bitter words come out of the mouth of that wicked person. His words are not good. His words are irritable and very strange. His eyes look deceitful.
दोहा रचनाकार ― श्री लीलाधर हनवत उगली, जिला - सिवनी
हिंदी एवं अंग्रेजी अनुवादक― आर. एफ. टेम्भरे मेहरा पिपरिया जिला - सिवनी