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पुल्लिङ्ग
बाई का बेटा-बेटी बड़ाच् अड़ सेत्।
दीदी के बच्चे बड़े रूठते हैं।
Didi's children get very sulk.
जब कोई व्यक्ति किसी बात के लिए सहमत न होकर गुस्से की दशा में किसी से भी बात न करना या अपनी जिद पर अड़े रहने के लिए पंवारी बोली में अड़नो, हिन्दी भाषा में रूठना या खड़े होना और अंग्रेजी में to sulk, be upset या to stand कहलाता है।
1. बेटा ओको हेक्ड़या,सांग देइस औकात ।
नांदिया घायि अड़ गयो, काल रात की बात ।।
हिन्दी में भावार्थ ― उक्त दोहे में कवि एक व्यक्ति के पुत्र के व्यवहार का वर्णन करते हुए बताते हैं कि उस व्यक्ति का बेटा बहुत ही जिद्दी स्वभाव का है। उसने अपना असली व्यवहार प्रकट कर दिया। कल रात्रि की ही बात है, वह उसी तरह से रूठा (अड़ा) था जिस तरह से एक नांदिया बैल रूठ जाता है।
अंग्रेजी में भावार्थ ― In the above couplet, the poet describes the behaviour of a man's son and says that the man's son is very stubborn by nature. He has revealed his true behaviour. It was only last night, he was in the same mood as a bullock gets in a rage.
2. शेर सामने अड़ गयो, या जंगल की बाट ।
अम्मावुस की रात मा, अना सामने घाट ।।
हिन्दी में भावार्थ ― उक्त दोहे में कवि अमावस्या की एक रात्रि की भयावह स्थिति का वर्णन करते हुए बताते हैं कि वह जंगल का रास्ता और अमावस्या की रात्रि थी जब रास्ते में शेर खड़ा हो (अड़) गया जबकि सामने चढ़ाई वाला घाट था।
अंग्रेजी में भावार्थ ― In this couplet, the poet describes the horrific condition of a new moon night and says that it was a jungle path and a new moon night when a lion stood in the way while there was a steep slope ahead.
दोहा रचनाकार ― श्री लीलाधर हनवत उगली, जिला - सिवनी
हिंदी एवं अंग्रेजी अनुवादक― आर. एफ. टेम्भरे मेहरा पिपरिया जिला - सिवनी
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