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पंवारी - सुपड़ा
सुपड़ो भर धान खरयानी मा देय देव।
सूपा भर धान खलयानी में दे दीजिए।
Give soopa full of paddy in Khalyani.
बांस से बना एक पात्र जो अनाज को छाँटकर अलग करने के काम में आता है जिसे पंवारी बोली में सुपड़ो, हिन्दी भाषा में सूपा और अंग्रेजी भाषा में भी soopa कहते हैं।
☆ एकल दातिया गनपति, सुपड़ो घायिन कान।
लंबी तोरी नाक से, डोरा पीपर पान।।
हिंदी अनुवाद ― इस दोहे में कवि भगवान गणेश जी के स्वरूप का वर्णन करते हुए कहते हैं कि है गणपति आप एक दाँत वाले हैं और आपके कान सूपे के समान हैं। आपकी नाक लंबी है और आपकी आँखें पीपल के पत्तों के समान हैं।
अंग्रेजी अनुवाद ― In this couplet, the poet describes the form of Lord Ganesha and says, O Ganapati, you have one tooth and your ears are like winnowing basket. Your nose is long and your eyes are like peepal leaves.
☆ पहले ऐला कूट कर, करके हतर बहार।
फेर चालजो चालनी, सुपड़ो मा चौखार।।
हिंदी अनुवाद ― इस दोहे में कवि एक सास की समझाइस का वर्णन करते हैं। सास अपनी बहू से कहती है कि तुम पहले इसे कूट लो और अच्छी तरह से सफाई कर लो। फिर छलनी से छानकर सूपे में रखकर अच्छी तरह छँटाई कर लो।
अंग्रेजी अनुवाद ― In this couplet, the poet describes the advice of a mother-in-law. The mother-in-law tells her daughter-in-law that first you pound it and clean it well. Then filter it through a sieve and keep it in a winnowing basket and sort it well.
सौजन्य से― श्री लीलाधर हनवत (दोहा रचनाकार) उगली, सिवनी मध्यप्रदेश
हिन्दी व अंग्रेजी अनुवादक – श्री आर. एफ. टेमरे मेहरा पिपरिया, सिवनी मध्यप्रदेश
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